चार्ल्स बैबेज द्वारा डिफरेंस इंजन की सफलता से प्रेरित होकर सन् 1883 में बहुत
ही शक्तिशाली यंत्र तैयार किया गया, इस यंत्र का नाम उन्होंने "एनालॉटिकल इंजन" रखा।
यह भाप से चलता था और 1 मिनट में 60 बार अंकगणितीय क्रियाएं करने में सक्षम था। इसमें
ऐसी बहुत सी विशेषताएं थी, जिनकी वजह से यह आधुनिक कम्प्यूटर का आधार बना। यही कारण
है की चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक कहा जाता है। इस इंजन में पहला प्रोग्राम "लेडी अगस्टा लवलेस" द्वारा लिखा गया था, इसलिए लेडी अगस्टा को प्रथम कंप्यूटर प्रोग्रामर
का श्रेय दिया जाता है।
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