रैम का पूरा नाम रैंडम एक्सेस मेमोरी होता हैं। यह वर्तमान में प्रयोग होने वाले प्रोग्रामों को अस्थायी रूप से स्टोर करती हैं। जब हम कंप्यूटर को चलाते हैं तो रैम खाली होती हैं, इसके अंदर कोई डाटा या जानकारी नहीं होती।

इसको हम वोलेटाइल मेमोरी कहते हैं क्योंकि इसके अंदर जो डाटा लिखा होता हैं, वह कंप्यूटर के अचानक बंद होने या बिजली के जाने पर उड़ जाता हैं।




रैम 2 प्रकार की होती है :

1) SRAM (Static RAM)
2) DRAM (Dynamic RAM)

1) स्टैटिक रैम : इसकी स्पीड बहुत ज्यादा होती है। इस मेमोरी को कैश मेमोरी (Cache Memory) के रूप में प्रयोग किया जाता हैं। यह फ्लिप फ्लॉप से बनती हैं।

2) डायनैमिक रैम : इसकी स्पीड स्टैटिक रैम की तुलना में थोड़ी कम होती हैं, इसे थोड़ी थोड़ी देर बाद रिफ्रेश करना आवश्यक होता हैं। इस मेमोरी को सीपीयू में मैन मेमोरी (Main Memory) के रूप में प्रयोग किया जाता हैं। यह कैपेस्टर व ट्रांजिस्टर से बनती हैं।